बिलासपुर। जांजगीर-चांपा जिले में 60 फीट बोरवेल में गिरकर घायल हुए राहुल साहू के स्वास्थ्य में तेजी से सुधार आया है। बिलासपुर के अपोलो अस्पताल में भर्ती राहुल का एक और VIDEO सामने आया है, जिसमें वह पैर से बॉल खेल रहा है। बॉल के जरिए डॉक्टर उसके पैर के अकड़न को दूर कर ताकत लाने कोशिश कर रहे हैं। उसके शरीर में फैला इंफेक्शन 90% कम हो गया है और सभी टेस्ट नार्मल आए हैं। अब राहुल बोल सके, इसलिए उसे स्पीच थैरेपी दी जाएगी।
राहुल का इलाज कर रहे वरिष्ठ शिशु रोग विशेषज्ञ डा. सुशील कुमार ने बताया कि इंफेक्शन अब खत्म होने की स्थिति में है। बोरवेल में गिरने के दौरान उसे शरीर में लगे जख्म भी सूख रहे हैं। अब उसकी हाई एंटीबायोटिक दवाइयां बंद कर दी गई है। दूसरी दवाइयों से उसका अंतिम चरण का इलाज चलेगा। मंगलवार को डॉक्टरों के सहारे पहली बार राहुल अपने पैरों पर खड़ा हुआ। फिजियोथैरेपिस्ट लगातार उसे तंदुरुस्त करने की कोशिश में हैं। हाथ और पैर के लिए उसे बॉल के साथ ही रेजिस्टेंस बैंड से एक्सरसाइज करा रहे हैं।

राहुल के मनोरंजन के लिए डॉक्टर उसे मोबाइल भी दिखा रहे हैं।
CM के निर्देश पर दी जाएगी स्पीच थैरेपी
राहुल के लिए अच्छी खबर है कि सब कुछ ठीक रहा तो वह बोल भी सकेगा। दरअसल, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपोलो अस्पताल प्रबंधन को उसे स्पीच थैरेपी देने के निर्देश दिए थे। ताकि, राहुल बोल सके। अपोलो अस्पताल प्रबंधन अब उसके स्वस्थ्य होने पर उसे स्पीच थैरेपी देने की व्यवस्था करेंगे। ताकि, राहुल बोलने के साथ ही सुनने भी मदद मिल सके।

60 फीट बोरवेल में गिर कर पांच दिन तक फंसा था राहुल।
मौत के मुंह से बाहर आया है राहुल
देश के सबसे बड़े रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद राहुल मौत के मुंह से बाहर आया है। दरअसल, वह गहरे बोर में चार दिन से अधिक समय तक फंसा था। NDRF और सेना के जवानों ने 105 घंटे के रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद उसे सुरक्षित बाहर निकाला था। इसके बाद से अपोलो अस्पताल में उसका उपचार चल रहा है। पांच दिनों तक महज तीन से चार फीट संकरे बोर में फंसे रहने के कारण उसके हाथ-पैर में अकड़न आ गया था। वहीं बोर में गिरने और हाथ-पैर पानी में डूबने की वजह से शरीर में इंफेक्शन फैल गया था।